Detailed Notes on Shodashi
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Tripura Sundari's variety is not merely a visible illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees by symbols to understand deeper cosmic truths.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥
॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
The essence of those rituals lies during the purity of intention and also the depth of devotion. It's not necessarily merely the external steps but The interior surrender and prayer that invoke the divine existence of Tripura Sundari.
Upon strolling to her ancient sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her electricity improves in depth. Her templed is entered by descending down a dim slender staircase which has a crowd of other pilgrims into her cave-llike abode. There are various uneven and irregular steps. The subterranean vault is scorching and humid and nevertheless You will find there's feeling of security and and defense during the dim light.
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
Devotees of Shodashi have interaction in numerous spiritual disciplines that purpose to harmonize the brain and senses, aligning them Together with the divine consciousness. The subsequent points define the progression to Moksha through devotion to Shodashi:
लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः
For anyone who is chanting the website Mantra for a particular intention, generate down the intention and meditate on it 5 minutes right before commencing Together with the Mantra chanting and 5 minutes after the Mantra chanting.
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
Stage 2: Get an image of Mahavidya Shodashi and area some bouquets before her. Supply incense sticks to her by lights exactly the same before her photo.
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।